नई दिल्ली(संवाददाता)- उत्तरी दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति की अध्यक्षा श्रीमती ममता नागपाल ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा अपने अंतर्गत आने वाले स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए किये गए विभिन्न कार्यों का जमीनी परिणाम साफ दिख रहा है। सिविक सेंटर में एक प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए श्रीमती नागपाल ने कहा कि भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम का लक्ष्य निगम स्कूलों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने वाले केन्द्रों के रूप में तैयार करना है।
श्रीमती नागपाल ने कहा कि उन्होंने उत्तरी दिल्ली नगर निगम शिक्षा समिति की अध्यक्षा बनने के बाद से ही निगम के विद्यालयों का औचक निरीक्षण शुरू कर दिया। सुश्री नागपाल ने कहा कि अभी तक उन्होंने 7 विधानसभाओं में 16 स्कूलों का निरीक्षण किया है जिनमें पटेल नगर (4), आदर्श नगर (3), बुराड़ी (2), करोल बाग (1), शालीमार बाग (4), तिमारपुर (1) और माॅडल टाउन (1) शामिल है। इन दौरों से जहां एक तरफ व्यवस्था में सुधार देखने को मिला है वहीं लापरवाही करने वाले शिक्षकों तथा अन्य कर्मचारियों पर कार्यवाही करने में भी मदद मिली है।
नागपाल ने कहा कि स्कूलो का औचक निरीक्षक समय-समय पर प्रिंसिपल/इंचार्ज एवं अन्य विभिन्न अधिकारियों की मीटिंग का आयोजन छात्र-छात्राओं के साथ संपर्क संवाद कार्यक्रमों आदि से निगम स्कूलों का माहौल और उनका स्तर और बेहतर हुआ है जिसका लाभ 3.5 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं विशेषकर आर्थिक रूप् से पिछड़े तबके के छा़त्र-छात्राओं को हुआ है।
नागपाल ने कहा कि निगम स्कूलों के स्तर को और बेहतर बनाने में प्रिंसिपलस/इंजार्ज मीटिंग से बहुत लाभ हुआ है। इसी तरह जहां पहले निगम स्कूलों में साल में 3 बार पेरेंटस टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाता था वहीं अब साल में 6 बार पेरेंटस टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जायेगा। इस संबंध में निर्णय जून में आयोजित प्रिंसिपलस/इंजार्ज की बैठक में लिया गया है।
पेरेंटस टीचर्स मीटिंग शिक्षकों और अभिभावकों के बीच एक कड़ी है इनसे शिक्षकों और अभिभावकों को एक-दूसरे को समझने, छात्र-छात्राओं की पढ़ाई, उनकी रूचि के बारे में जानने आदि में मदद मिलती है। इससे निगम स्कूलों की कार्यशैली में पारदर्शिता भी सुनिश्चित होती है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम दिल्लीवासियों के हितों के लिए बिना किसी शोर-शराबे या प्रचार के काम कर रहा है। नागपाल ने कहा कि दिल्ली में आप सरकार ’’काम ना कर केवल नाम कमाने’’ के लिए पब्लिसिटी अभियान में लगी हुई है। आप सरकार केवल राजनैतिक षोषेबाजी में लगी हुई है। जो पेरेंटस टीचर्स मीटिंग निगम स्कूलों में काफी समय पहले से आयोजित की जा रही है वह दिल्ली सरकार अब अपने स्कूलों में शुरू कर खुद अपनी वाहवाही कर रही है। इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किये जाने चाहिए ना कि इन्हें केवल विज्ञापन का आधार बनाना चाहिए।
जनता का पैसा अपनी वाहवाही लूटने के लिए खर्च किया जाये यह ठीक बात नहीं है। पेरेंटस टीचर्स मीटिंग के संबंध में दिल्ली सरकार के निर्णय पर मैं इतना ही कहूंगी कि ’’देर आये दुरूस्त आये’’।