नई दिल्ली (संवाददाता)- सांसद उदित राज ने नांगल देवत गाँव के 58 परिवारों को घर वापस दिलाने हेतु सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपथी राजू को राजीव भवन में गाँव वालों के साथ जाकर ज्ञापन पत्र सौंपा। एयरपोर्ट टर्मिनल -3 के विस्तार हेतु नांगल देवत के सभी घरों को सन 2007 में खाली कराया गया था। इसके पश्चात् सभी गाँव वालों को वसंत कुञ्ज में स्थानांतरित कर दिया गया। आज 8 साल से अधिक होने के बावजूद गाँव के इन 58 परिवारों को छत नसीब नहीं हुई है। यह सभी परिवार दलित वर्ग से सम्बन्ध रखते है। मौजूदा समय में यह सभी परिवार बेहद कष्टमय जीवन यापन कर रहे है। ऐसे में जब यह लोग सांसद उदित राज के पास आये तो उन्होंने इनकी समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्परता दिखाते हुए ज्ञापन पत्र सौंपा। सिविल एविएशन मंत्री ने आश्वस्त किया है कि जल्द से जल्द इन बेघरों को वापस घर दिलाया जायेगा।
इस मामले की शुरुआत सन 1964-65 में हुई। जब पालम हवाई अड्डे का विस्तार हुआ तब गाँव की बेहद उपजाऊ लगभग 12 हज़ार बीघे जमीन नांगल देवत के ग्रामवासियों से छीन ली गयी। इसके बाद सन 1972 में गाँव की आबादी को वहां से कहीं अन्य चले जाने का नोटिस थमा दिया गया। किन्तु एक बड़े जन आन्दोलन की सुगबुगाहट की भनक लगने पर सरकार ने अपना फ़ैसला वापस ले लिया था।
लेकिन इसके पश्चात् सरकार ने पुनः सन 1986 में सभी को गाँव खाली करने का आदेश सुनाय। लोगों ने इसके विरोध में संघर्ष किया | 1998 तक यह मामला निचली अदालत में चलता रहा। इसके बाद ग्रामवासियों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और दरियाब सिंह बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया नमक मामला दर्ज कराकर न्यायालय से गाँव को बचाने का निवेदन किया | लेकिन यह सब चल ही रहा था की एक दिन 2007 में भवन निर्माण कम्पनी जी.एम. आर ने भारी संख्या में पुलिस बल लगाकर चारों ओर से बुल्डोजर चलवा दिया। मंदिर परिसर को छोड़ पूरे गाँव को मलबे में तब्दील कर दिया। इस हादसे को सहन न कर पाने के कारण अब तक गाँव के लगभग 300 लोगों ने अपनी जान दे दी है।