नई दिल्ली (संवाददाता)- देश में कोई भी सरकार दिव्यांगो के भले की बात भले ही कहती हों या कैसे भी दावे करती हों, लेकिन उनके दावों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं होती है। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर दिल्ली के राजा नाम के दिव्यांग की खबर वायरल हुई थी। राजा को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऑफिस से अपमानित करके बाहर निकाल दिया गया था।
इसका कुसूर बस इतना था कि वह आम आदमी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बड़ी आशाओं के साथ अपने लिए व्हील चेयर देने की गुहार करने गया था। उसे लग रहा था कि यह सरकार दूसरी सरकारों से बिलकुल अलग है, मुख्यमंत्री उसकी बात सुनेंगे और उसकी तकलीफ दूर करेंगे, लेकिन जैसे ही राजा को प्रताड़ित करके मुख्यमंत्री दफ्तर से बाहर निकाला गया, उसके ऊपर बिजली सी गिर पड़ी। उसने दूसरे राजनीतिज्ञों से भी व्हीलचेयर देने की अपील की थी लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया।
लेकिन जब यह वीडियो यूथ पाठशाला फाउंडेशन के लोगों ने देखा, उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने राजा को व्हीलचेयर उपलब्ध कराने के बीड़ा उठाया. सबसे मुश्किल काम था राजा की तलाश करना, सबसे यूथ पाठशाला फाउंडेशन के सदस्यों ने राजा की खोज की। बड़ी मशक्कत के बाद मालूम चला कि वह दिल्ली के सरिता विहार में रहता है, इसके बाद फाउंडेशन के लोगों ने राजा से बात की। राजा ने व्हीलचेयर पाने की जद्दोजहद से जुडी अपनी आपबीती सुनाई, उसने कहा कि उसका तो नेताओं से विश्वास उठ गया है। जो लोग एक गरीब विकलांग की मदद नहीं कर सकते वे सरकार क्या चलाएंगे।
इसके बाद यूथ पाठशाला फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रियंका भारद्वाज, अरुण उपाध्याय, गौरव और नदीम राजा को पास की दुकान पर ले गए और उन्हें उनकी पसंद की व्हीलचेयर दिलाई। व्हीलचेयर पाने के बाद राजा बहुत खुश थे। राजा ने यूथ पाठशाला फाउंडेशन का धन्यावद करते हुए कहा कि मैं फाउंडेशन से व्हीलचेयर पाकर कृतज्ञ महसूस कर रहा हूं। यह व्हीलचेयर काफी आराम दायक है। इसके मिलने के बाद मुझे कहीं आने-जाने के लिए किसी पर आश्रित नहीं होना पङेगा।