नई दिल्ली(राजेश शर्मा) भारत और बांगला देश की अंडर-17 ब्याज क्रिकेट टीम के बीच खेली गई अंतर्राष्ट्रीय सीरीज-2014 में कोका कोला इंडिया-X1 और बंगला देश की अंडर-17 राष्ट्रीय टीम के बीच कल दिल्ली के जामिया इस्लामिया क्रिकेट मैदान पर हुए अंतिम मुकाबले में कोका–कोला इंडिया ने बांगला देश को 9 रन से हरा कर सीरीज ट्रॉफी पर कब्जा किया।
दिल्ली के खिलाङी मुकलित भट्ट को मैन ऑफ-दॉ मैच चुना गया, बंगालादेशी खिलाङी पिनांक घोष को 88 गेंदों पर 94 रन लेने के लिए सीरीज का श्रेष्ठ बल्लेबाज चुना गया वहीं दिल्ली के ऋषभ डरला को श्रेष्ठ गेंदबाज चुना गया।
कोका कोला इंडिया इलेवन ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया, जिसमें टीम के कप्तान मुकलित भट्ट ने शानदार पारी खेलते हुए 77 गेंदों में 74 रन बनाए, दिल्ली के ही दूसरे बल्लेबाज ऋषभ डराल ने 54 गेंदों में 35 रन की भागीदारी की भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ऑवरों में विपक्षी टीम के सामने कुल 247 रनों का लक्ष्य रखा।
दूसरी और जवाब में बैटिंग करने मैदान पर उतरी बंगला देश की और से श्रेष्ठ बल्लेबाज़ पिनाक घोष ने शानदार खेलते हुए 94 रनों का स्कोर खङा किया वहीं दूसरे खिलाङी सैफ हसन ने 61 गंदों पर 38 रन बनाए तथा आफीफ हुसैन ने 25 गेंदों पर 36 रनों की भागीदारी की। लेकिन बंगलादेश की टीम अपने निधारित 50 ऑवरों में इंडियन टीम द्वरा दीए गए लक्ष्य को पार नहीं कर सकी और कुल 238 रनों की पारी पर सिमट गई।
भारतीय कोच संजय भारद्वाज ने कोका–कोला इंडिया की जीत पर खिलाङियों का हौसला बढाते हुए कहा कि गर्म मौसम के बावजूद दोनों टीमों ने काफी बेहतर खेला,इस उम्र के खिलाङियों में खेल की जो समझ और खेल के प्रति जोश, जुनून देखा गया वो कबिले तारीफ रहा।
श्री भारद्वाज का मानना है कि हार-जीत तो मैदान पर होती रहती हैं लेकिन सबसे अधिक ध्यान देने वाली बात यह है कि मैदान पर खिलाङी किस प्रकार से अपने खेल को खेल रहें है और उनमें ऐसी कौन सी बात है जो उन्हें एक-दूसरे से अलग कर रही है।
उन्होंने खिलाङियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि किसी प्रतियोगिता में खिलाङीयों को जीत हासिल होती है तो उनमें उत्साह रहता है और असफलता मिलती है तो निराश हो जाते हैं लेकिन खिलाङियों को इन दोनों ही स्थितियों में समान बने रहने की कोशिश करनी चाहिए।
बंगलादेशी कोच ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों ही देशों के खिलाङियों में काफी क्षमता है, इस प्रकार के टूनामेंटों से खिलाङियों को काफी कुछ सीखने के मिलता है वहीं आपसी मैत्री भाव और सौहार्द की भावना भी बढ़ती है।
कोका कोला के मार्केटिंग अधिकारी अजय भटिजा ने बताया कि कोका कोला शीतय पेय के कारोबार के साथ-साथ हैल्दी लाईफ के लिए देश के युवाओंको खेलों में आगे आने के लिए प्रेरित करती है। बीते तीन वर्ष से कोका कोला जूनियर स्तर के क्रिकेट खिलाङियों को प्रोत्साहित कर रही है।