नई दिल्ली (16 फरवरी 2012, नूर-ऐन-अहमद) - 18 फरवरी से दिल्ली के नेशनल स्टेडियम में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर मुकाबले के लिए इस समय भारत समेत छ: देशों - कनाडा, फ्रांस, पोलैंड, सिंगापुर और इटली - की टीमें कड़े अभ्यास में लगी है।
ओलंपिक क्वालीफायर के तीन टूर्नामेंट पूरे विश्व में खेले जायेंगे जिसमे पहला क्वालीफाईंग टूर्नामेंट भारत में खेला जायेगा, जबकि बाकी के दो क्वालीफाईंग टूर्नामेंट डबलिन, आयरलैंड तथा दूसरा क्वालीफाईंग टूर्नामेंट ककामिगाहरा, जापान में क्रमशः 10 मार्च से 18 मार्च तथा 25 अप्रैल से 6 मई को खेला जाएगा।
प्रत्येक ओलंपिक क्वालीफायर मुकाबले की विजेता ही ओलंपिक प्रतियगिता में भाग ले सकेगी।
यह टूर्नामेंट नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम पर खेला जायेगा जो कि 18 फ़रवरी से शुरू हो रहा है जिसमे पहला मुकाबला महिला होकी में दक्षिण अफ्रीका और पोलैंड के बीच खेला जाएगा जबकि पुरुष वर्ग में प्रथम मुकाबला इटली और कनाडा के बीच दोपहर दो बजे होगा।
भारत अपने दोनों वर्गों में पहला मैच 18 फ़रवरी को ही शाम 6 बजे (महिला वर्ग में) तथा रात 8 बजे (पुरुष वर्ग में) खेलेगा। पुरुष वर्ग में भारत का पहला मुकाबला सिंगापुर से तथा महिला वर्ग में प्रथम मुकाबला उक्रेन के साथ होगा।
अभ्यास मैच के दौरान पुरुष वर्ग के भारतीय कप्तान भरत छेत्री ने कहा कि चयनकर्ताओं ने टीम में अधिक से अधिक आलराउंडरों को मौका दिया है। इससे टीम को मैदान के प्रत्येक क्षेत्र में खेलने वाला खिलाड़ी मिला है। पहले खिलाड़ी केवल अपने-अपने क्षेत्र तक ही सीमित रहते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि फ्रांस, कनाडा और सिंगापुर की टीमें मजबूत दिख रही हैं लेकिन भारतीय टीम किसी को भी हल्के में नहीं लेगी।
भारतीय कप्तान ने कहा कि भारतीय हॉकी को खोई पहचान दिलाने का यह आखिरी मौका है। उन्होंने कहा, अगर हमने लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया, तो देश में हॉकी का स्तर काफी ऊपर उठेगा। इस टूर्नामेंट में काफी कुछ दांव पर लगा है।
ओलंपिक क्वालीफायर से पहले अपने आखिरी अभ्यास मैच में भारतीय महिला हॉकी टीम ने मंगलवार को कनाडा को 5-2 से हरा दिया। मैच के बाद भारतीय कोच सी. आर कुमार ने टीम के प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि क्वालीफायर में उनकी टीम उन गलतियों को दोहराने से बचेगी जो अभ्यास मैचों में हमने की थी।
अंतरराष्ट्रीय हॉकी के नए नियमों के तहत अभ्यास मैच 70 मिनट का होने पर उसे अंतरराष्ट्रीय मैच गिना जाएगा लिहाजा अभ्यास मैच 50 मिनट का ही खेला गया जिसमें दोनों टीमों को 25-25 मिनट मिले।
कप्तान असुंथा लाकड़ा ने बताया कि अभ्यास मैचों से भारतीय टीम को अपनी कमजोरियों का आकलन करने में काफी मदद मिली है। उसने कहा कि हमें पता चला कि किन पहलुओं पर हमें और काम करना होगा। इसके अलावा कनाडा और इटली जैसी टीमों की ताकतों और कमजोरियों का भी पता चला। हम वीडियो विश्लेषण करके और बेहतर रणनीति के साथ खेलेंगे।